Unlisted Share खरीदते समय सब कुछ बड़ा आसान लगता है — कंपनी का नाम जाना-पहचाना हो, डील अच्छी दिखे, और प्राइस भी ठीक लगे। Demat में शेयर आ जाएं, तो लगता है निवेश पूरा हो गया। पर असली चुनौती तब शुरू होती है, जब आपको वही शेयर बेचना होता है।
बहुत से निवेशक तब तक इंतज़ार करते हैं जब तक कंपनी का IPO नहीं आ जाता। लेकिन IPO की कोई गारंटी नहीं होती, और अगर आती भी है, तो उससे पहले Exit का रास्ता क्या है? यही सवाल आज Unlisted Share रखने वाले लाखों निवेशकों के सामने खड़ा है।
इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि Unlisted Share से सही समय पर बाहर कैसे निकलें, किन-किन तरीकों से बेच सकते हैं, और अगर Exit ना मिले, तो Plan B क्या होना चाहिए।
अगर आपने अभी तक Unlisted Share की खरीद और जांच प्रक्रिया नहीं पढ़ी है, तो पहले यह दो ब्लॉग ज़रूर देखें:
Exit कब करें? सही समय कैसे पहचानें
Unlisted Share बेचने का सही समय जानना लगभग उतना ही ज़रूरी है, जितना उसका खरीदना। गलत समय पर Exit करने से या तो आप कम प्राइस पर बेच देंगे, या मौका हाथ से निकल जाएगा।
क्या कंपनी IPO लाने वाली है?
अगर आप NSE, Tata Capital, या SBI Mutual Fund जैसी कंपनियों में निवेश किए हुए हैं, तो ये देखना ज़रूरी है कि क्या उनकी तरफ से IPO की कोई आधिकारिक तैयारी हो रही है।
– क्या DRHP (Draft Red Herring Prospectus) फाइल हो चुका है?
– क्या कंपनी ने कोई सार्वजनिक बयान दिया है?
अगर इन सवालों के जवाब “हां” हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आने वाले समय में शेयर की मांग बढ़ेगी — और आप उस समय Exit कर सकते हैं।
आपका खुद का निवेश उद्देश्य क्या था?
Unlisted Share में निवेश अक्सर लॉन्ग टर्म सोच के साथ किया जाता है — जैसे बच्चे की पढ़ाई, घर की डाउन पेमेंट, या रिटायरमेंट।
अब जब आप Exit का विचार कर रहे हैं, तो खुद से ये तीन सवाल पूछिए:
- क्या मेरा निवेश लक्ष्य पूरा हो गया है?
- क्या मुझे अब उस पैसे की ज़रूरत है?
- क्या मुझे अब भी कंपनी पर पहले जैसा भरोसा है?
अगर इनमें से किसी सवाल का जवाब “हाँ” या “नहीं” आपकी परिस्थिति पर लागू होता है, तो यह Exit की योजना बनाने का सही समय हो सकता है।
क्या मार्केट में शेयर की डिमांड बनी हुई है?
Unlisted Market में लिक्विडिटी सीमित होती है। इसलिए Exit तभी बेहतर होता है जब उस कंपनी के शेयर की डिमांड चल रही हो।
आप देखें कि:
- पिछले 1–2 महीनों में उस कंपनी के डील्स किस प्राइस पर हो रहे हैं?
- क्या प्लेटफॉर्म्स पर उसके लिए बायर्स उपलब्ध हैं?
अगर डिमांड बनी हुई है, और प्राइस भी ठीक-ठाक मिल रहा है — तो ये सही मौका हो सकता है।
Unlisted Share बेचने के तरीके कौन-कौन से हैं?
Unlisted Share बेचने के लिए आपके पास कुछ चुनिंदा विकल्प होते हैं, क्योंकि ये सीधे स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड नहीं होते। सही तरीका चुनना इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी जल्दी Exit चाहते हैं, और आपके पास कितनी वैध जानकारी और नेटवर्क है।
ऑफ-मार्केट डील्स के ज़रिए
यह सबसे पारंपरिक तरीका है — आप किसी जान-पहचान के ब्रोकर या संपर्क के माध्यम से किसी खरीदार से सीधे डील करते हैं। इसमें KYC डॉक्युमेंट्स, डील एग्रीमेंट, और पेमेंट प्रूफ शामिल होते हैं।
- फायदा: कभी-कभी बेहतर प्राइस मिल सकता है।
- जोखिम: डील की सुरक्षा और ट्रांसपेरेंसी पूरी तरह आपके भरोसे पर होती है।
आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि:
- खरीदार SEBI रजिस्टर्ड इंटरमीडियरी के माध्यम से जुड़ा हो,
- और डील के सभी स्टेप्स ईमेल व डाक्यूमेंटेशन के ज़रिए हों।
प्राइवेट मार्केट प्लेटफॉर्म्स का उपयोग
आजकल कई भरोसेमंद प्लेटफॉर्म्स हैं जो Unlisted Share की Secondary Market डील्स को सुविधाजनक बनाते हैं — जैसे:
इन प्लेटफॉर्म्स पर आप अपने शेयर लिस्ट कर सकते हैं, और वे आपके लिए खरीदार ढूंढते हैं। आपको उनकी Terms, Listing Fees और Brokerage charges समझकर ही आगे बढ़ना चाहिए।
- फायदा: प्रक्रिया ज़्यादा व्यवस्थित होती है, डील ट्रैकिंग आसान होती है।
- कमज़ोरी: फीस ज़्यादा हो सकती है, और डीलिंग टाइम अनिश्चित।
कंपनी की तरफ से Buyback या Pre-IPO Sale
कुछ कंपनियां IPO से पहले अपने मौजूदा शेयरधारकों को Exit का मौका देती हैं — इसे Pre-IPO Window या Internal Buyback कहा जाता है।
यह जानकारी आपको कंपनी के निवेशक ईमेल, WhatsApp ग्रुप या इंटरमीडियरी से मिल सकती है।
- फायदा: पेपरवर्क कंपनी के स्तर पर आसान होता है।
- कमज़ोरी: यह मौका सभी कंपनियों में नहीं मिलता, और समय सीमित होता है।
| तरीका | समय | लागत | ट्रांसपेरेंसी |
|---|---|---|---|
| ऑफ-मार्केट डील | 3–15 दिन | न्यूनतम | कम |
| प्लेटफ़ॉर्म के जरिए | 7–30 दिन | मीडियम–हाई | उच्च |
| कंपनी Buyback | 3–7 दिन (अगर मिले) | न्यूनतम–0% | उच्च |
Exit से पहले किन बातों का ध्यान रखें?

Exit का निर्णय केवल “बेचना है” बोल देने से पूरा नहीं होता। उसके पहले आपको कुछ ज़रूरी बातों को समझना और तैयार रखना चाहिए — ताकि न तो टैक्स में फंसे, न पेमेंट में दिक्कत हो, और न ही डॉक्युमेंटेशन में।
टैक्स की स्थिति समझें
Unlisted Share बेचने पर आपको Capital Gains Tax देना होता है — और वह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने वह शेयर कितने समय तक होल्ड किया था।
- 24 महीने से ज़्यादा:
यह Long-Term Capital Gain माना जाएगा और 12.5% की रेट से टैक्स देना होगा। - 24 महीने या उससे कम:
यह Short-Term Capital Gain होगा और आपके आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा।
टिप: Capital Gains को ITR में दिखाना ज़रूरी होता है, और ध्यान दें कि Unlisted Share की सेल डील में “क्लियर इनवॉइस” और पेमेंट ट्रेस होना अनिवार्य है।
ज़रूरी डॉक्युमेंट्स तैयार रखें
डील के वक्त अगर आपके पास ये डॉक्युमेंट तैयार हैं, तो प्रोसेस बहुत आसान हो जाती है:
- CML (Client Master List)
- Demat Holding Statement
- PAN, आधार, बैंक डिटेल्स
- शेयर खरीदी की पुरानी इनवॉइस
- नई सेल इनवॉइस और पेमेंट रसीद
प्राइस तय करते वक्त भावनाओं में न आएं
कई बार हम इसलिए बेच देते हैं क्योंकि “कोई प्राइस दे रहा है”, या “बहुत समय हो गया है”।
लेकिन Exit तब करें जब आपको लगे कि:
- प्राइस आपके अनुमान के क़रीब है,
- मार्केट में डिमांड है,
- और आपके लिए फाइनेंशियल रूप से सही समय है।
ध्यान दें: Unlisted Share बेचते समय FOMO (Fear of Missing Out) भी नुकसान कर सकता है — सस्ते में बेचने की जल्दी न करें।
लॉक-इन पीरियड का ध्यान रखें
Unlisted shares को खरीदने के बाद, कुछ मामलों में एक निश्चित समय के लिए ‘लॉक-इन पीरियड’ हो सकता है, जिस दौरान आप उन्हें बेच नहीं सकते। यह लॉक-इन पीरियड कंपनी के आंतरिक नियमों या शेयर खरीदने के समझौते के अनुसार तय होता है। अगर आपके शेयरों पर ऐसा कोई लॉक-इन है, तो आपको Exit करने से पहले उस अवधि के पूरा होने का इंतजार करना होगा। इस जानकारी की पुष्टि आपके शेयर खरीद एग्रीमेंट या कंपनी के निवेशक संबंध विभाग से की जा सकती है।
जब Exit न मिले, तब क्या करें?
Unlisted Share एक ऐसा निवेश है जिसमें Exit की कोई गारंटी नहीं होती। हो सकता है आपने सही समय पर खरीदा हो, लेकिन बेचने का मौका कभी न मिले — क्योंकि:
- कंपनी का IPO अनिश्चित है,
- मार्केट में खरीदार नहीं हैं,
- या प्लेटफॉर्म्स पर लिक्विडिटी नहीं है।
ऐसे में घबराने की बजाय आपको एक वैकल्पिक रणनीति (Plan B) तैयार रखनी चाहिए।
लॉन्ग टर्म होल्डिंग रणनीति
अगर कंपनी की वित्तीय स्थिति अच्छी है — यानी लगातार प्रॉफिट में है, डिविडेंड देती है, और भविष्य में ग्रोथ की संभावना है — तो आप उसे 3–5 साल तक और होल्ड कर सकते हैं।
हो सकता है कि इस दौरान कंपनी खुद कोई बायबैक ऑफर दे या सेकेंडरी मार्केट में फिर से मांग बने। ऐसे शेयर “patience asset” माने जाते हैं — यानी जो समय के साथ रिटर्न दे सकते हैं।
वैल्यूएशन बेस्ड ट्रिगर सेट करें
कभी-कभी Exit का सही समय हम तय नहीं कर पाते। इसलिए पहले से एक प्राइस या समय ट्रिगर तय कर लें।
उदाहरण:
- “अगर कंपनी ₹800/share तक पहुंचती है, तो मैं बेचूंगा”
- “अगर अगले 2 साल में कोई डील नहीं होती, तो मैं नुकसान में भी Exit कर लूंगा”
इससे आप भावनात्मक फैसलों से बचते हैं और डिसिप्लिन के साथ निवेश पूरा करते हैं।
लॉस कट स्ट्रैटेजी भी रखें
Unlisted Shares में भी नुकसान हो सकता है — और उसे स्वीकार करना कई बार ज़रूरी होता है।
अगर कंपनी बार-बार घाटे में जा रही है, कोई वैध रिपोर्ट नहीं आ रही, और शेयर की डिमांड गिर गई है — तो ऐसे समय में आंशिक या पूरी Exit कर लेना समझदारी होती है।
नुकसान से सीखना, अगली बार जांच बेहतर करना — यही सच्चे निवेशक की पहचान होती है।
Unlisted Share से निकलें समझदारी से
Unlisted Share खरीदना तो सबको आता है, लेकिन समय पर सही तरीके से उससे बाहर निकलना — यही असली कला है।
बहुत लोग Exit का इंतज़ार करते-करते सालों बिता देते हैं, और कुछ लोग बिना सोचे समझे बेच देते हैं — दोनों ही गलतियाँ नुकसानदेह हैं।
अगर आपने:
- सही समय पहचाना,
- बेचना कैसे और कहाँ है, ये समझा,
- टैक्स और डॉक्युमेंटेशन पर ध्यान दिया,
- और कोई Exit न मिले तो Plan B भी सोचा —
तो समझिए आपने सिर्फ निवेश नहीं किया, बल्कि एक समझदारी भरा फैसला लिया।
ध्यान रखें —
बाहर निकलना भी उतनी ही कला है जितनी सही समय पर निवेश करना।
गलत वक्त पर Exit नुकसान दे सकता है, और सही वक्त पर Exit आपकी मेहनत का असली फल।
Disclaimer : यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी किसी भी निवेश सलाह का विकल्प नहीं है। Unlisted Share में निवेश या Exit से पहले कृपया किसी पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। लेखक व प्रकाशक किसी भी निवेश लाभ या हानि के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।

