IPO का इंतज़ार क्यों? Unlisted Shares कैसे खरीदें

शेयर बाज़ार में निवेश करना अब सिर्फ Reliance या TCS जैसे लिस्टेड शेयरों तक सीमित नहीं रहा। 2025 की नई पीढ़ी के निवेशक उन कंपनियों में भी रुचि दिखा रहे हैं जो अभी तक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट नहीं हुई हैं — यानी कि Unlisted Shares

आपने National Stock Exchange (NSE), Lenskart Solution Pvt Ltd, Nayara Energy या SBI Mutual Fund जैसे नाम सुने होंगे। ये वो कंपनियां हैं जिनके शेयर आम निवेशकों के लिए खुले तो हैं, लेकिन शेयर बाज़ार पर नहीं मिलते। इन्हें खरीदने के लिए आपको थोड़ा अलग रास्ता अपनाना होता है — थोड़ा रिसर्च, थोड़ी सावधानी, और थोड़ी समझदारी।

मई 2025 के अंत तक NSE के unlisted शेयरधारकों की संख्या 1 लाख से अधिक हो चुकी थी। जिससे यह भारत की सबसे ज़्यादा होल्ड की जाने वाली unlisted कंपनी बन गई। मतलब ये है कि बड़ी संख्या में लोग इन शेयरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं — शायद इस उम्मीद में कि जब ये कंपनियां IPO लाएंगी, तो वे पहले से ही उनके हिस्सेदार होंगे।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि Unlisted Shares की खरीदारी की पूरी प्रक्रिया क्या है, और एक आम भारतीय निवेशक इसे सुरक्षित और समझदारी से कैसे कर सकता है

Unlisted Shares क्या होते हैं, और ये लिस्टेड शेयरों से कैसे अलग हैं?

Unlisted Shares ऐसे शेयर होते हैं जो आपको शेयर बाजार की ऐप पर सर्च करने से नहीं मिलते। इन्हें निजी सौदों या विशेष प्लेटफॉर्म्स से ही खरीदा जा सकता है — यानी यह आम खरीदारी जैसा नहीं होता। ये कंपनियां या तो IPO से पहले हैं, या फिर उनका इरादा निकट भविष्य में लिस्ट होने का नहीं है। लेकिन फिर भी, कुछ प्लेटफॉर्म और ब्रोकर्स की मदद से आप इनके शेयर सेकेंडरी मार्केट के ज़रिए खरीद सकते हैं।

लिस्टेड और अनलिस्टेड शेयरों के बीच मुख्य अंतर यही है कि लिस्टेड शेयरों को आप किसी भी समय बाज़ार में बेच या खरीद सकते हैं, लेकिन अनलिस्टेड शेयरों के लिए खरीदार और विक्रेता ढूंढना खुद की जिम्मेदारी होती है।

आज के समय में NSE Ltd., Hero FinCorp, Big Basket और OYO जैसी कंपनियों के unlisted shares आमतौर पर मार्केट में उपलब्ध रहते हैं। लेकिन इनमें निवेश करने से पहले यह समझना ज़रूरी है कि ये शेयर पूरी तरह से liquid नहीं होते। हो सकता है कि आपने आज खरीदे हों, लेकिन उन्हें बेचने के लिए 2–3 साल इंतज़ार करना पड़े — या तब तक जब तक कंपनी खुद IPO लाकर अपने शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर न उतार दे।

Unlisted Shares की सबसे बड़ी खूबी यह है कि अगर आपने सही कंपनी चुनी और धैर्य रखा, तो जब वह कंपनी भविष्य में लिस्ट होती है — तो शुरुआती निवेशकों को बड़ा फायदा हो सकता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर कंपनी ऐसा ही प्रदर्शन करे। इसीलिए, निवेश करने से पहले न सिर्फ कंपनी को समझना ज़रूरी है, बल्कि यह भी जानना ज़रूरी है कि यह रास्ता आपके निवेश लक्ष्यों के अनुकूल है या नहीं।

स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया – Unlisted Shares कैसे खरीदें?

Unlisted shares खरीदने का रास्ता थोड़ा अलग होता है, लेकिन अगर आप इसे सही तरीके से समझ लें, तो बहुत कुछ साफ हो जाता है।

सबसे पहले आपको किसी भरोसेमंद माध्यम से जुड़ना होता है — जैसे कि SEBI-पंजीकृत ब्रोकर्स या ऐसे प्लेटफॉर्म जो प्राइवेट मार्केट डील्स में विशेषज्ञ हैं। जैसे की UnlistedZone या Sharescart।   ये लोग आपको उन कंपनियों के नाम और मौजूदा वैल्यूएशन बताते हैं जिनके शेयर फिलहाल उपलब्ध हैं। हर कंपनी का शेयर प्राइस एक जैसा नहीं होता — यह डिमांड, सप्लाई और कंपनी की वैल्यूएशन रिपोर्ट पर निर्भर करता है। 

एक बार जब आप किसी डील को पसंद कर लेते हैं, तो KYC प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें आपका PAN, आधार, बैंक डिटेल्स और डिमैट अकाउंट की जानकारी मांगी जाती है। आजकल ज़्यादातर KYC ऑनलाइन होती है।

KYC के बाद आपको एक ऑफिशियल ऑफर मिलता है, जिसमें कंपनी का नाम, शेयर की संख्या, प्रति शेयर कीमत और कुल अमाउंट लिखा होता है। आप तय करते हैं कि डील फाइनल करनी है या नहीं। अगर हां, तो पेमेंट आपको उनके एस्क्रो अकाउंट में करना होता है — जो एक तरह का सेफ-होल्डिंग अकाउंट होता है। किसी व्यक्ति के निजी अकाउंट में पैसा भेजने की ज़रूरत नहीं होती, और न ही भेजना चाहिए।

पेमेंट के कुछ दिनों बाद, ब्रोकर कंपनी से शेयर आपके डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर करता है। यह ऑफ-मार्केट ट्रांजैक्शन होता है, और CDSL या NSDL से आपको ईमेल के जरिए पुष्टि भी मिलती है। यह पूरी प्रक्रिया औसतन 10 से 30 कार्यदिवस तक का समय ले सकती है, हालांकि कुछ मामलों में 45 दिन तक भी लगते हैं।

इस पूरी प्रक्रिया में सबसे ज़रूरी है — सही प्लेटफ़ॉर्म का चुनाव और हर स्टेप को दस्तावेज़ों के साथ पूरा करना। एक बार गलती हुई, तो न पैसा वापस मिलेगा, न शेयर।

safety & verifications vs scams in unlisted shares

धोखाधड़ी से कैसे बचें?

Unlisted shares के नाम पर कई ऑनलाइन स्कैम्स चल रहे हैं — खासकर WhatsApp ग्रुप्स, Telegram चैनल्स या ऐसे लोग जो खुद को “consultant” बताते हैं लेकिन असल में किसी तरह की वैधता नहीं रखते। इनसे बचना उतना ही ज़रूरी है जितना निवेश करना।

अक्सर ये स्कैमर्स आपको आकर्षक ऑफर देते हैं — जैसे “NSE के शेयर ₹800 में, जल्दी करो वरना खत्म हो जाएगा!” या फिर “IPO के बाद 3x रिटर्न मिलेगा, गारंटी!”। अगर कोई व्यक्ति या प्लेटफॉर्म ऐसा कहे जो सुनने में बहुत अच्छा लगता है, तो थोड़ा ठहरें और सोचें — क्या यह सच हो सकता है?

सुरक्षा के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें:

  • हमेशा SEBI-रजिस्टर्ड प्लेटफ़ॉर्म से ही डील करें। आप SEBI की वेबसाइट पर जाकर इंटरमीडियरी की वैधता चेक कर सकते हैं।
  • LinkedIn पर उस प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े लोगों की प्रोफाइल जरूर देखें — अगर उनकी कंपनी असली है, तो ऑनलाइन मौजूदगी ज़रूर होगी।
  • डील फाइनल करने से पहले इनवॉइस और वैध एग्रीमेंट मांगना आपकी जिम्मेदारी है। अगर कोई सिर्फ कॉल या WhatsApp पर बात करके पैसे मांग रहा है — तो ये सबसे बड़ा रेड फ्लैग है।

इन मामलों में सबसे अच्छी बात यह है कि आप खुद सवाल पूछें, और सिर्फ भरोसे से नहीं, जांच-पड़ताल से फैसला लें। Unlisted shares में फायदा जरूर हो सकता है, लेकिन बिना रिसर्च के किया गया निवेश घाटे में भी बदल सकता है।

क्या निवेश सही है? खुद से पूछने वाले 5 ज़रूरी सवाल

Unlisted shares में निवेश का रास्ता उतना सीधा नहीं होता जितना किसी ऐप पर एक बटन दबाकर लिस्टेड शेयर खरीदना। यहां निवेश करने से पहले खुद से कुछ जरूरी सवाल पूछना बहुत ज़रूरी है।

  • क्या आपको जल्दी पैसे की ज़रूरत है?
    अगर हां, तो शायद ये निवेश आपके लिए नहीं है। Unlisted shares में liquidity बहुत कम होती है, यानी इन शेयरों को आप तुरंत कैश में नहीं बदल सकते।
  • क्या आप कम से कम 3–5 साल तक इन शेयरों को होल्ड कर सकते हैं?
    क्योंकि इनमें से बहुत सी कंपनियों का IPO टाइमलाइन अनिश्चित होता है। निवेश के बाद इंतजार करना पड़ सकता है।
  • क्या आपने कंपनी की बैलेंस शीट, प्रोफिट-लॉस और वैल्यूएशन रिपोर्ट देखी है?
    अगर नहीं, तो बिना रिसर्च के सिर्फ सुनी-सुनाई बातों पर निवेश करना खतरनाक हो सकता है।
  • क्या आपने निवेश के लिए ब्रोकर या प्लेटफॉर्म की वैधता की जांच की है?
    SEBI रजिस्ट्रेशन, पिछले क्लाइंट्स के रिव्यू और कंपनी की डिजिटल उपस्थिति — सबकी पुष्टि ज़रूरी है।
  • क्या ये पैसा आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं?
    क्योंकि अनलिस्टेड शेयर हाई-रिस्क एसेट होते हैं। रिटर्न मिल भी सकता है और नहीं भी।

अगर ऊपर दिए गए सवालों के जवाब आपके पास स्पष्ट हैं — और आपने रिसर्च भी की है — तो Unlisted Shares आपके पोर्टफोलियो में एक अलग, हाई-पोटेंशियल एसेट क्लास के रूप में जगह बना सकते हैं।

questions to ask before buying unlisted shares

आपके अगले कदम क्या होने चाहिए?

Unlisted Shares में निवेश करना एक आकर्षक लेकिन जोखिमभरा रास्ता है। यहां कोई शॉर्टकट नहीं है, लेकिन अगर आप सही प्लेटफॉर्म चुनते हैं, पूरी प्रक्रिया समझते हैं, और लॉन्ग टर्म नजरिया रखते हैं — तो ये निवेश आपके पोर्टफोलियो को बड़ा फायदा दे सकता है।

सिर्फ इस उम्मीद में कि IPO आएगा और शेयर तीन गुना हो जाएगा — निवेश करना बचपना है। समझदारी से सोचिए, खुद से सवाल पूछिए, और हर कदम दस्तावेज़ी और प्रमाणिक तरीके से लीजिए।

आने वाले दो ब्लॉग्स में आप जानेंगे:

इस सीरीज़ को मिस न करें।

Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से है। Unlisted Shares में निवेश करने से पहले स्वतंत्र वित्तीय सलाह अवश्य लें। कोई भी निवेश जोखिम से मुक्त नहीं होता। लेखक या प्रकाशक निवेश के नतीजों के लिए जिम्मेदार नहीं है।

About Author:

Ishwar एक फाइनेंस ब्लॉगर हैं और PaisaForever के निर्माता हैं। वह भारतीय पाठकों के लिए निवेश, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, क्रिप्टो और वित्तीय योजना जैसे विभिन्न विषयों पर लिखते हैं।
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Ishwar Bulbule

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