Ethical Investing: क्या नैतिक पोर्टफोलियो देता है बेहतर रिटर्न?

भारत में Ethical Investing का रुझान तेज़ी से बढ़ रहा है क्योंकि निवेशक अब अपने मूल्यों, सिद्धांतों और वित्तीय लक्ष्यों को एक साथ जोड़ना चाहते हैं। इस प्रक्रिया में शरीयत-आधारित निवेश मॉडल भी एक मज़बूत विकल्प बनकर उभरा है, जिसे केवल मुस्लिम समुदाय ही नहीं, बल्कि कई एथिकल निवेशक भी अपनाते हैं।

शरीयत अनुपालित म्यूचुअल फंड और नैतिक मानकों पर आधारित पोर्टफोलियो बनाना अब पहले की तुलना में अधिक सरल हो गया है। यह Ethical Investing गाइड उन निवेशकों के लिए तैयार की गई है जो चाहते हैं कि उनका पैसा सही, पारदर्शी और सिद्धांत-आधारित जगह पर लगाया जाए।

क्या आपको लगता है कि गैर-नैतिक सेक्टरों से दूर रहना मतलब कम रिटर्न मिलना? या कि शरीयत आधारित नियम केवल धार्मिक प्रतिबंध हैं? यह गाइड ऐसे सभी भ्रमों को दूर करते हुए Ethical Investing का वास्तविक स्वरूप समझाएगी।

इस गाइड में हम जानेंगे कि शरीयत मॉडल किस तरह Ethical Investing के फायदे प्रदान करता है, भारतीय बाजार में कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं, और कैसे समझदारी से स्क्रीनिंग और चयन के साथ एक मजबूत नैतिक पोर्टफोलियो तैयार किया जा सकता है। नए हों या अनुभवी—यह गाइड आपको स्पष्ट और व्यावहारिक कदम दिखाएगी।

शरीयत निवेश की बुनियादी समझ

Shariah portfolio allocation

शरीयत निवेश की परिभाषा और इस्लामी कानूनों के अनुसार निवेश के सिद्धांत

शरीयत निवेश इस्लामिक कानूनों के अनुरूप निवेश करने पर आधारित है, जो कुरान, हदीस और इस्लामी ऐतिहासिक न्यायशास्त्र से उत्पन्न होते हैं। यह पारदर्शी और नैतिक निवेश प्रथाओं के माध्यम से धन बनाने का एक अभिनव तरीका प्रदान करता है जो सामाजिक जिम्मेदारी पर केंद्रित है।

सूद (रिबा), सट्टेबाजी और अनैतिक व्यापार से बचने के मुख्य नियम

शरिया-अनुपालक निवेश का अर्थ है ब्याज (रिबा) से बचना, अनैतिक व्यवसायों में शामिल न होना, सट्टेबाजी और जुए से दूर रहना। इसमें लाभ-साझाकरण और संपत्ति-समर्थित निवेश शामिल हैं।

परंपरागत निवेश और शरीयत निवेश के बीच मुख्य अंतर

परंपरिक निवेश के विपरीत, शरीयत निवेश गैर-नैतिक उद्योगों और अत्यधिक जोखिम या अनिश्चितता (घरार) से बचकर नैतिक समृद्धि को बढ़ावा देता है। शरीयत निवेश नैतिक अखंडता और वित्तीय स्थिरता दोनों सुनिश्चित करता है।

शरीयत निवेश के मुख्य सिद्धांत और फायदे

Shariah investing notes on board

ब्याज मुक्त निवेश और संपत्ति-आधारित निवेश के लाभ

शरीयत निवेश के प्रमुख सिद्धांतों में रिबा (ब्याज) से बचना और संपत्ति-समर्थित निवेश शामिल है। यह दृष्टिकोण शोषण और ऋण जाल को रोकता है तथा स्थिर, वास्तविक दुनिया की संपत्ति को प्रोत्साहित करता है।

जोखिम प्रबंधन और नैतिक निवेश के फायदे

शरीयत निवेश में अंतर्निहित जोखिम प्रबंधन होता है क्योंकि शरीयत-अनुपालक कंपनियां कम ऋण बनाए रखती हैं और बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। यह निवेश पोर्टफोलियो को नैतिक रूप से स्वच्छ रखता है, वास्तविक आर्थिक गतिविधि का समर्थन करता है और निष्पक्षता व साझेदारी को बढ़ावा देता है।

आर्थिक संकट के दौरान बेहतर प्रदर्शन और मानसिक शांति

शरीयत-अनुपालक पोर्टफोलियो अक्सर अस्थिरता की अवधि में पारंपरिक बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। शरीयत निवेश से मन की शांति मिलती है क्योंकि यह व्यक्तिगत मूल्यों और धार्मिक विश्वासों के साथ निवेश को संरेखित करता है।

हलाल और हराम क्षेत्रों की पहचान

office meeting on haram halal sectors

निवेश के लिए उपयुक्त क्षेत्र – प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा

शरीयत-अनुपालक निवेश के लिए उपयुक्त हलाल क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी क्षेत्र सबसे प्रमुख है। सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाएं इस्लामिक निवेश सिद्धांतों के अनुकूल हैं। स्वास्थ्य सेवा और फार्मा उद्योग भी हलाल निवेश की श्रेणी में आते हैं क्योंकि ये मानवता की सेवा करते हैं।

निषिद्ध क्षेत्र – पारंपरिक बैंकिंग, शराब, जुआ और हथियार उद्योग

शरीयत-अनुपालक पोर्टफोलियो में निषिद्ध हराम क्षेत्रों में पारंपरिक बैंक और बीमा कंपनियां शामिल हैं क्योंकि ये ब्याज आधारित व्यवसाय करती हैं। शराब, तंबाकू, जुआ और सूअर के मांस से संबंधित उत्पाद भी निषिद्ध हैं। हथियार उद्योग और अनैतिक मनोरंजन सामग्री वाली कंपनियों में निवेश हराम माना जाता है।

शरीयत अनुपालन के लिए स्क्रीनिंग टूल्स का उपयोग

शेयरों के अनुपालन को सत्यापित करने के लिए ‘इस्लामिकली’ जैसे स्क्रीनिंग टूल्स का उपयोग किया जा सकता है। स्क्रीनिंग मानदंड में हराम क्षेत्रों को बाहर करने वाली व्यावसायिक गतिविधि, ऋण-से-इक्विटी अनुपात ≤ 33%, नकद और ब्याज आय ≤ 33% और प्राप्य राशि ≤ 50% शामिल हैं।

भारत में शरीयत अनुपालित निवेश विकल्प

Indian ethical investing dashboard

टाटा एथिकल फंड और टॉरस एथिकल फंड जैसे म्यूचुअल फंड

भारत में शरीयत अनुपालित निवेश के लिए कई प्रतिष्ठित म्यूचुअल फंड उपलब्ध हैं। टाटा एथिकल फंड और टॉरस एथिकल फंड जैसे लोकप्रिय विकल्प शरिया स्क्रीनिंग मानदंडों के आधार पर कंपनियों में निवेश करते हैं, जो हलाल निवेश भारत में चाहने वाले निवेशकों के लिए आदर्श विकल्प हैं।

निप्पॉन इंडिया ETF शरीयत बीईएस और स्मॉलकेस विकल्प

निप्पॉन इंडिया ईटीएफ शरीयत बीईएस एक विशिष्ट ईटीएफ है जो निफ्टी50 शरीयत सूचकांक को ट्रैक करता है, निष्क्रिय निवेशकों के लिए आदर्श समाधान प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, ग्रीन एथिकल पोर्टफोलियो – शरीयत निवेश थीम (स्मॉलकेस) एक फ्लेक्सी-कैप मॉडल पोर्टफोलियो है जिसमें 15-20 स्टॉक्स होते हैं, जो शरिया अनुपालन के लिए सावधानीपूर्वक चुने जाते हैं।

PMS और AIF के माध्यम से व्यक्तिगत पोर्टफोलियो प्रबंधन

उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (एचएनआई) और अति-उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (यूएचएनआई) के लिए पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं (पीएमएस) और वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) व्यक्तिगत शरिया पोर्टफोलियो प्रदान करते हैं। ये सेवाएं अधिक लचीलेपन और व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुकूल निवेश रणनीति की सुविधा देती हैं।

ग्रीन एथिकल पोर्टफोलियो की विशेषताएं

Indian man with screens and crypto

15-20 स्टॉक्स के साथ फ्लेक्सी-कैप रणनीति और इस्लामिकली स्क्रीनिंग

शरीयत निवेश में ग्रीन एथिकल पोर्टफोलियो एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाता है। फ्लेक्सी-कैप रणनीति के माध्यम से, यह पोर्टफोलियो लार्ज, मिड और स्माल कैप स्टॉक्स में निवेश करता है। प्रत्येक स्टॉक की कठोर इस्लामिक स्क्रीनिंग सुनिश्चित करती है कि केवल हलाल निवेश भारत के सिद्धांतों के अनुकूल कंपनियां शामिल हों।

तिमाही रीबैलेंसिंग और डिविडेंड प्यूरिफिकेशन की सुविधा

Now that we have covered the screening process, यह पोर्टफोलियो नियमित तिमाही रीबैलेंसिंग की सुविधा प्रदान करता है। डिविडेंड प्यूरिफिकेशन की प्रक्रिया के माध्यम से, शरीयत अनुपालित म्यूच्यूअल फंड के नियमों के अनुसार किसी भी संदिग्ध आय को दान में दिया जाता है, जो इस्लामिक निवेश सिद्धांत के अनुरूप है।

न्यूनतम निवेश राशि और दीर्घकालिक धन सृजन की संभावना

यह एथिकल इन्वेस्टमेंट गाइड सुविधाजनक न्यूनतम निवेश राशि के साथ शुरुआत की अनुमति देता है। दीर्घकालिक धन सृजन की दृष्टि से, यह पोर्टफोलियो निरंतर शरीयत निवेश के फायदे प्रदान करता है और निवेशकों को एक मजबूत हलाल पोर्टफोलियो बनाना सिखाता है।

शरीयत निवेश की चुनौतियां और गलत धारणाएं

कम रिटर्न और सीमित विकल्पों की गलत धारणाएं

शरीयत निवेश के बारे में सबसे आम गलतफहमी यह है कि इसमें पारंपरिक निवेश की तुलना में कम रिटर्न मिलता है। वास्तविकता में, हलाल निवेश विकल्प न केवल प्रतिस्पर्धी रिटर्न प्रदान करते हैं बल्कि दीर्घकालिक स्थिरता भी सुनिश्चित करते हैं। आज के समय में भारतीय बाजार में शरीयत अनुपालित म्यूच्यूअल फंड और एथिकल इन्वेस्टमेंट के अनेक विकल्प उपलब्ध हैं।

केवल मुस्लिमों के लिए होने की भ्रामक सोच का खंडन

इस्लामिक फाइनेंस और शरीयत निवेश का लाभ किसी विशेष धर्म के लोगों तक सीमित नहीं है। वास्तव में, यह एक व्यापक एथिकल इन्वेस्टमेंट गाइड है जो सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त है। हलाल पोर्टफोलियो बनाना और इस्लामिक निवेश सिद्धांतों का पालन करना समाज के सभी वर्गों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

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शरीयत निवेश शुरू करने की चरणबद्ध गाइड

ethical lab with equipments labelled for ethical investing

निवेश लक्ष्य निर्धारण और जोखिम सहनशीलता का मूल्यांकन

शरीयत निवेश की यात्रा शुरू करने से पहले, यह निर्धारित करना आवश्यक है कि निवेश दीर्घकालिक धन सृजन के लिए किया जा रहा है या अल्पकालिक लाभ के लिए। जोखिम सहनशीलता का सटीक मूल्यांकन करना भी महत्वपूर्ण है, जो निवेशक की वित्तीय स्थिति और निवेश अवधि पर निर्भर करता है।

उपयुक्त निवेश उत्पाद का चयन और स्क्रीनिंग मापदंडों की समझ

हलाल निवेश के लिए शरीयत स्क्रीनिंग मापदंडों की गहरी समझ आवश्यक है। मुख्य मानदंड में व्यवसाय गतिविधि (हराम क्षेत्रों को छोड़कर), ऋण-से-इक्विटी अनुपात (≤ 33%), नकद और ब्याज आय (≤ 33%), और प्राप्य राशि (≤ 50%) शामिल हैं। ग्रीन पोर्टफोलियो और इस्लामिकली जैसे उपकरण स्क्रीनिंग प्रक्रिया को संभालते हैं।

निवेश की निगरानी और शिक्षा के लिए संसाधनों का उपयोग

निवेश त्रैमासिक रूप से पुनर्संतुलित होते हैं, और लाभांश शुद्धिकरण अलर्ट ईमेल के माध्यम से भेजे जाते हैं। यदि कोई स्टॉक गैर-अनुपालक हो जाता है, तो उसे अगले चक्र में बदल दिया जाता है। इस्लामिक फाइनेंस पर वेबिनार में भाग लेना, इस्लामिकली के अनुपालन अपडेट का पालन करना और ग्रीन पोर्टफोलियो जैसे ऐप का अन्वेषण निरंतर शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

auditors with ethical criteria met verified

भारत में शरीयत निवेश की यात्रा में हमने देखा कि कैसे धार्मिक सिद्धांतों और वित्तीय लक्ष्यों के बीच संतुलन बनाना संभव है। हलाल और हराम क्षेत्रों की स्पष्ट पहचान, सूद-मुक्त निवेश के विकल्प, और ग्रीन एथिकल पोर्टफोलियो जैसे आधुनिक समाधान निवेशकों को एक नैतिक राह प्रदान करते हैं। शरीयत अनुपालित निवेश केवल धार्मिक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक व्यापक निवेश रणनीति है जो पारदर्शिता, कम जोखिम और दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करती है।

आज के समय में भारतीय पूंजी बाजारों में टाटा एथिकल फंड, टॉरस एथिकल फंड और ग्रीन एथिकल पोर्टफोलियो जैसे विकल्पों की उपलब्धता से शरीयत निवेश अब केवल एक विकल्प नहीं रहा। तकनीकी प्रगति के साथ इस्लामिकली जैसे स्क्रीनिंग टूल्स और क्वार्टरली रीबैलेंसिंग की सुविधा निवेशकों को पूर्ण विश्वास के साथ अपनी पूंजी को बढ़ाने का अवसर देती है। शरीयत निवेश में भविष्य न केवल धर्म-अनुकूल बल्कि व्यावहारिक और लाभप्रद वित्तीय समाधान का है जो हर निवेशक की आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता रखता है।

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Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। यह किसी भी प्रकार की वित्तीय, निवेश या कानूनी सलाह नहीं है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। बाजार जोखिमों के कारण परिणाम व्यक्ति–व्यक्ति के अनुसार बदल सकते हैं।

About Author:

Ishwar एक फाइनेंस ब्लॉगर हैं और PaisaForever के निर्माता हैं। वह भारतीय पाठकों के लिए निवेश, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, क्रिप्टो और वित्तीय योजना जैसे विभिन्न विषयों पर लिखते हैं।
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Ishwar Bulbule

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