बिना इनकम के Students Credit Score कैसे बनाएं?

क्या आप जानते हैं कि आजकल सिर्फ नौकरी या बिज़नेस ही नहीं, एक अच्छा क्रेडिट स्कोर भी आपकी जिंदगी के बड़े फैसलों में अहम रोल निभाता है?

चाहे वो पढ़ाई के बाद एजुकेशन लोन लेना हो, पहला क्रेडिट कार्ड चाहिए हो, मोबाइल ऑन EMI खरीदना हो या रेंट पर घर लेना — Credit Score एक digital भरोसा है, जो बैंक और कंपनियों को बताता है कि आप फाइनेंस के मामले में कितने ज़िम्मेदार हैं।

अब सवाल ये उठता है —

“जब स्टूडेंट्स की कोई सैलरी या इनकम ही नहीं होती, तो Credit Score कैसे बने?”

इस लेख में हम 18 साल से ऊपर के छात्रों के लिए ऐसे आसान और असरदार तरीके साझा करेंगे, जिनसे आप बिना नौकरी या नियमित इनकम के भी अपना students credit score मजबूत और सुरक्षित तरीके से शुरू कर सकते हैं।
और हां — ये सभी उपाय पूरी तरह लीगल और स्मार्ट होंगे, कोई भी जल्दबाज़ी वाला शॉर्टकट नहीं।

क्रेडिट स्कोर क्या होता है और छात्रों के लिए क्यों ज़रूरी है?

क्रेडिट स्कोर क्या होता है – आसान भाषा में समझिए

क्रेडिट स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो आपकी फाइनेंशियल ज़िम्मेदारी का रिपोर्ट कार्ड मानी जाती है। भारत में ये स्कोर आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है। जितना ऊँचा स्कोर, उतनी ज़्यादा आपकी विश्वसनीयता – यानी बैंक और फाइनेंशियल कंपनियों को लगता है कि आप समय पर पैसा चुका सकते हैं।

आपका ये स्कोर कुछ खास बातों पर निर्भर करता है – जैसे आपने पहले कोई लोन लिया है या नहीं, आपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कैसे किया, आपने EMI समय पर चुकाई या नहीं, और क्या आपने अपनी लिमिट का गलत तरीके से उपयोग किया।

भारत में चार बड़ी क्रेडिट ब्यूरो कंपनियाँ हैं – CIBIL, Experian, Equifax, और CRIF High Mark। इनमें से सबसे ज़्यादा लोकप्रिय और मान्यता प्राप्त स्कोर CIBIL Score होता है। जब आप कोई लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपका यही स्कोर चेक करता है।

छात्रों के लिए क्यों ज़रूरी है क्रेडिट स्कोर बनाना?

कई छात्रों को लगता है कि जब तक इनकम शुरू नहीं होती या लोन नहीं लेना है, तब तक क्रेडिट स्कोर की जरूरत नहीं है। लेकिन यही सबसे बड़ी गलतफहमी होती है।

दरअसल, क्रेडिट स्कोर एक दिन में नहीं बनता। इसे बनने और मजबूत होने में कम से कम 6 से 12 महीने लगते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप कॉलेज खत्म होने के बाद ही इसकी शुरुआत करेंगे, तो जब तक स्कोर बनकर तैयार होगा, तब तक आपकी ज़रूरतें (जैसे एजुकेशन लोन, बाइक लोन, किराये का घर, वीजा आवेदन आदि) सामने आ जाएंगी — और तब तक आपके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होगी।

दूसरी बात, आजकल कई जगहों पर क्रेडिट रिपोर्ट सिर्फ लोन के लिए नहीं बल्कि रेंट एग्रीमेंट, मोबाइल फोन पर EMI, यहां तक कि कुछ मल्टीनेशनल कंपनियों की नौकरियों में भी पूछी जाती है। एक अच्छा स्कोर आपको इन सभी मामलों में आगे बढ़ने में मदद करता है।

अब क्यों शुरू करना फायदेमंद है?

जैसे ही आप 18 साल के होते हैं, आप भारत में क्रेडिट कार्ड के लिए योग्य हो जाते हैं — बशर्ते आप कुछ खास शर्तें पूरी करते हों। इसी उम्र से अगर आप सही दिशा में शुरुआत करें, तो कॉलेज खत्म होने तक आपका स्कोर अच्छा खासा बन चुका होगा। इससे आप भविष्य में ज़्यादा आसानी से फाइनेंशियल फैसले ले सकेंगे, और कम इंटरेस्ट रेट पर लोन भी पा सकते हैं।

बिना इनकम के Credit Score बनाने के 6 स्मार्ट तरीके

माता-पिता से स्टूडेंट को Add-on कार्ड

1. FD के बदले मिलने वाला Secured Credit Card लें

अगर आपके पास कुछ भी सेविंग है — जैसे कि जेब खर्च से बचाया हुआ पैसा या परीक्षा के बाद मिला कोई गिफ्ट अमाउंट — तो आप उससे एक Fixed Deposit (FD) खोल सकते हैं। इस FD के आधार पर बैंक आपको एक Secured Credit Card जारी करता है।

इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि आपकी क्रेडिट लिमिट आपके FD की राशि पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने ₹10,000 की FD बनाई है, तो आपको ₹8,000–₹10,000 तक की लिमिट वाला कार्ड मिल सकता है।

कौन-से बैंक ये सुविधा देते हैं?

  • SBI का Unnati Card
  • ICICI Bank का Coral Secured Card
  • Axis Bank का My Zone Secured Card

आप इन कार्ड्स से महीने में छोटे खर्च करें और समय पर बिल चुकाएं — धीरे-धीरे आपका स्कोर बनने लगेगा।

2. माता-पिता के कार्ड पर Add-on Card बनवाएं

अगर आपके माता-पिता या किसी बड़े भाई-बहन के पास क्रेडिट कार्ड है, तो वे आपको एक Add-on Card दे सकते हैं। यह कार्ड उनके अकाउंट से लिंक रहेगा, लेकिन खर्च आप अपने नाम से कर सकेंगे।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि कार्ड का इस्तेमाल आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में गिना जाएगा। हां, ध्यान रखें कि बिल पेमेंट उनके नाम पर होगा, इसलिए आपको खर्च सोच-समझकर करना होगा।

💡 नोट: सुनिश्चित करें कि जिस व्यक्ति के कार्ड पर आप Add-on ले रहे हैं, उनका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो। क्योंकि उनकी आदतें आपकी रिपोर्ट को प्रभावित कर सकती हैं।

3. बिल और किराया समय पर भरें – और सही ऐप का इस्तेमाल करें

अगर आप किसी दूसरे शहर में पढ़ाई कर रहे हैं और किराये के कमरे या PG में रहते हैं, तो आप अपने रेंट पेमेंट को भी Credit Score में शामिल कर सकते हैं।

इसके लिए कुछ प्लेटफॉर्म हैं जो आपके रेंट या मोबाइल बिल की ब्यूरो रिपोर्टिंग करते हैं, जैसे:

  • CRED RentPay
  • Paymatrix
  • RedGiraffe

इनका इस्तेमाल करके आप हर महीने समय पर पेमेंट करें, और ये जानकारी CIBIL या अन्य क्रेडिट ब्यूरो तक पहुंचती है। सभी प्लेटफॉर्म किराए को सीधे क्रेडिट ब्यूरो को नहीं भेजते, इसलिए पॉलिसी चेक करें।

इसी तरह, मोबाइल पोस्टपेड या ब्रॉडबैंड बिल भी समय पर भरना आदत बनाएं — कई टेलिकॉम कंपनियाँ अब आपकी पेमेंट हिस्ट्री रिपोर्ट करती हैं।

4. छोटे EMI या Student Loan लें (सोच-समझकर)

कुछ बैंक या NBFC कंपनियाँ अब छात्रों को गैजेट्स, लैपटॉप, मोबाइल आदि पर आसान EMI प्लान ऑफर करते हैं। अगर आपके पास कोई छोटी आमदनी है — जैसे पार्ट-टाइम जॉब या ट्यूशन — तो आप इनका इस्तेमाल करके क्रेडिट हिस्ट्री शुरू कर सकते हैं।

बशर्ते कि:

  • आप EMI समय पर भरते रहें
  • Loan का amount बहुत बड़ा न हो
  • Documentation साफ-सुथरा हो

💡 गलती से भी सिर्फ क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए कर्ज न लें — तभी लें जब ज़रूरत और Repayment Plan दोनों स्पष्ट हों।

5. BNPL (Buy Now, Pay Later) का सावधानी से प्रयोग करें

आजकल ZestMoney, Simpl, LazyPay जैसी कंपनियाँ छात्रों को Buy Now, Pay Later यानी BNPL की सुविधा देती हैं। इसमें आप अभी खरीदारी कर सकते हैं और बाद में पेमेंट कर सकते हैं — अक्सर बिना इंटरेस्ट के।

हालांकि, ये सुविधाएं क्रेडिट स्कोर बनाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन इनमें समय पर भुगतान करना बेहद ज़रूरी है। एक भी Missed Payment आपकी रिपोर्ट को खराब कर सकती है।

BNPL को क्रेडिट कार्ड का विकल्प न समझें — ये एक टूल है, और इसका सही इस्तेमाल करना ही समझदारी है।

6. खर्च और पेमेंट को खुद ट्रैक करें

आपके खर्च, देनदारियाँ और ड्यू डेट्स सिर्फ आपके हाथ में हैं। इसलिए शुरुआत से ही फाइनेंशियल आदतें सुधारना ज़रूरी है। कुछ बेसिक चीजें करें:

  • हर महीने का बजट बनाएं
  • किस तारीख को कौन सा बिल भरना है, उसका Reminder लगाएं
  • Apps जैसे Walnut, Money View या Google Sheets का उपयोग करें
  • Over-Spending से बचें — सिर्फ ज़रूरत के खर्च करें

अगर आप शुरू से ही पैसे के मामले में अनुशासित रहेंगे, तो आपका स्कोर भी समय के साथ मजबूत होता जाएगा।

ये सभी तरीके भारत में मौजूद और कानूनी हैं — बस ज़रूरत है सही शुरुआत करने की। याद रखें, Credit Score बनाने का मतलब सिर्फ कार्ड पाना नहीं, बल्कि भविष्य के लिए भरोसेमंद बनना है।

Students Credit Score बनाते समय कौन-सी गलतियों से बचना चाहिए?

A young Indian student standing confused in front of multiple credit card offers and warning signs like ‘Missed Payment’, ‘High Credit Usage’, cartoon-style infographic

जब आप बिना इनकम के क्रेडिट स्कोर बनाना शुरू करते हैं, तो उत्साह में कुछ आम गलतियां हो सकती हैं जो आपकी मेहनत पर पानी फेर सकती हैं। शुरुआत में ही इनसे बचना ज़रूरी है, ताकि आपकी रिपोर्ट खराब न हो और स्कोर गिरने की नौबत न आए।

❌ 1. एक साथ कई Credit Cards या BNPL अकाउंट खोलना

बहुत से छात्र सोचते हैं कि अगर वो एक से ज़्यादा कार्ड या BNPL सर्विस लेंगे तो स्कोर जल्दी बनेगा। लेकिन असलियत इसके उलट है। एक साथ कई क्रेडिट प्रोडक्ट लेने से आपकी प्रोफाइल पर ‘क्रेडिट हंगर’ का असर पड़ता है और बैंक आपको जोखिम भरा ग्राहक मानने लगते हैं।

❌ 2. ड्यू डेट मिस करना या बिल का Minimum Amount भरना

अगर आप सिर्फ Minimum Due भरते हैं और पूरा बिल नहीं चुकाते, तो आपकी Outstanding Balance बढ़ती जाती है और ब्याज भी लगता है। इससे ना सिर्फ स्कोर नीचे जाता है, बल्कि debt trap का खतरा भी बढ़ जाता है।

👉 हमेशा पूरा बिल समय पर भरें — चाहे वो ₹500 का ही क्यों न हो।

❌ 3. Limit के पास तक खर्च करना

अगर आपकी Credit Card Limit ₹10,000 है और आप हर बार ₹9,800 तक खर्च करते हैं, तो ये आपकी Credit Utilization Ratio को 90% तक ले जाता है — जो बहुत ज्यादा है। इससे बैंक को लगता है कि आप लगातार पैसे की तंगी में हैं।

👉 अच्छे स्कोर के लिए 30% से कम क्रेडिट उपयोग बनाए रखें।

❌ 4. किसी और के लोन के लिए गारंटर बनना

बहुत से छात्र भावनाओं में आकर दोस्तों या रिश्तेदारों के लिए गारंटी देते हैं — लेकिन अगर उस व्यक्ति ने EMI नहीं भरी, तो उसका असर आपके स्कोर पर भी पड़ेगा।

👉 जब तक आप पूरी तरह भरोसा न करें, किसी और के लोन में गारंटर न बनें।

Credit Score को Track और Maintain कैसे करें?

स्कोर बनाना जितना जरूरी है, उसे सही तरीके से बनाए रखना उतना ही अहम है। बहुत से लोग स्कोर तो बना लेते हैं लेकिन उसे ट्रैक नहीं करते, और जब जरूरत पड़ती है तब पता चलता है कि स्कोर गिर चुका है।

यहां जानिए कुछ आसान और मुफ्त तरीके जिससे आप अपने Credit Score को नियमित रूप से चेक और Maintain कर सकते हैं।

✅ 1. हर 6 महीने में एक बार CIBIL रिपोर्ट फ्री में चेक करें

भारत में CIBIL आपको साल में एक बार फ्री क्रेडिट रिपोर्ट निकालने की सुविधा देता है। इसके लिए:

  • CIBIL की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं ( https://www.cibil.com )
  • अपनी बेसिक जानकारी और PAN नंबर भरें
  • OTP से वेरीफाई करें और रिपोर्ट पाएं

यह रिपोर्ट दिखाएगी कि:

  • आपका स्कोर क्या है
  • कौन-कौन से लोन/क्रेडिट कार्ड एक्टिव हैं
  • कोई Default, Missed Payment या Error तो नहीं

💡 अगर रिपोर्ट में कोई गलती हो (जैसे किसी और के नाम का लोन दिखे), तो तुरंत डिस्प्यूट Raise करें।

✅ 2. डिजिटल ऐप्स से स्कोर ट्रैक करना

अब कई फाइनेंशियल ऐप्स जैसे OneScore, Paytm, PaisaBazaar, और Bajaj Finserv भी मुफ्त स्कोर चेक करने की सुविधा देते हैं। ये ऐप्स यूज़र-फ्रेंडली होते हैं और हर महीने अपडेट देते हैं।

👉 लेकिन ध्यान रखें — हर स्कोर चेक करने वाली ऐप बैंक-लाइसेंस प्राप्त नहीं होती। किसी भी अनजान ऐप को अपना PAN या KYC डिटेल देने से पहले भरोसा करना जरूरी है।

✅ 3. जिम्मेदारी से खर्च और बिल पेमेंट की आदत बनाए रखें

Credit Score कोई बारहवीं का मार्क्सशीट नहीं है कि एक बार बन गई तो बस। ये एक ongoing report होती है — आपकी हर financial activity इसमें जुड़ती है।

इसे मेंटेन करने के लिए:

  • हर बिल और EMI समय पर भरें
  • Overspending से बचें
  • बिना जरूरत नया क्रेडिट न लें
  • अपनी Payment History को साफ-सुथरा रखें

यदि आपने छोटी उम्र में ही सही आदतें बना लीं, तो आने वाले 5–7 साल में आपका स्कोर 750+ तक जा सकता है — जो किसी भी बड़े फाइनेंशियल प्लान के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है।

आज की तैयारी, कल की सहूलियत

18 साल की उम्र में जब हम कॉलेज, करियर और नए अनुभवों की शुरुआत करते हैं, तब पैसे की समझ और फाइनेंशियल जिम्मेदारी भी सीखनी चाहिए। Credit Score उसी जिम्मेदारी की पहली सीढ़ी है।

बिना नौकरी या आमदनी के भी, आप स्मार्ट तरीकों से अपनी क्रेडिट हिस्ट्री शुरू कर सकते हैं — जैसे कि FD-backed कार्ड लेना, समय पर बिल भरना, या माता-पिता के Add-on कार्ड से शुरुआत करना।

लेकिन याद रखें, ये सिर्फ स्कोर का खेल नहीं है — ये भविष्य में आपके भरोसेमंद बनने की पहचान है।

अगर आप आज से ही ये आदतें बनाते हैं, तो कल जब असली ज़रूरत आएगी — जैसे कि एजुकेशन लोन, घर या बिज़नेस प्लान — तब आपके पास मजबूत क्रेडिट स्कोर होगा जो आपके सपनों को रास्ता देगा।

FAQs: छात्रों के Credit Score से जुड़े आम सवाल

1. क्या 18 साल में Credit Score बनाना शुरू किया जा सकता है?

हाँ। 18 साल की उम्र के बाद आप भारत में क्रेडिट कार्ड, FD, और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के लिए योग्य हो जाते हैं। यहीं से Credit Score बनना शुरू होता है।

 2. क्या CIBIL Score और Credit Score अलग होते हैं?

CIBIL Score असल में एक तरह का Credit Score है। भारत में CIBIL, Experian, Equifax जैसी कंपनियाँ Credit Score बनाती हैं। इन सबका स्कोर अलग-अलग हो सकता है लेकिन मकसद एक ही होता है।

3. क्या बार-बार Credit Score चेक करने से स्कोर घटता है?

नहीं, अगर आप खुद चेक करते हैं (Self Inquiry), तो स्कोर पर कोई असर नहीं होता। लेकिन बैंक या लोन कंपनियाँ बार-बार Inquiry करें तो उसे ‘Hard Inquiry’ कहते हैं — इससे स्कोर पर असर पड़ सकता है।

4. अगर Credit Report में कोई गलती हो तो क्या करें?

आप संबंधित क्रेडिट ब्यूरो (जैसे CIBIL) की वेबसाइट पर जाकर Online Dispute Raise कर सकते हैं। रिपोर्ट सही करवाने में 15–30 दिन तक लग सकते हैं।

5. क्या Paytm या CRED जैसे ऐप से स्कोर चेक करना सुरक्षित है?

ज्यादातर RBI-रजिस्टर्ड और डेटा-सुरक्षित ऐप्स सुरक्षित होते हैं। फिर भी किसी भी ऐप को इस्तेमाल करने से पहले उसके रिव्यू पढ़ें और उसका डेटा पॉलिसी पेज चेक करें।

Learn More : Manage Your Money For Financial Well-being

Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। ब्लॉग पर दी गई जानकारी को निवेश, क्रेडिट, या कानूनी सलाह न समझा जाए।

About Author:

Ishwar एक फाइनेंस ब्लॉगर हैं और PaisaForever के निर्माता हैं। वह भारतीय पाठकों के लिए निवेश, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, क्रिप्टो और वित्तीय योजना जैसे विभिन्न विषयों पर लिखते हैं।
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Ishwar Bulbule

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