Unlisted Shares Checklist – इसे नज़रअंदाज़ न करें

आजकल जैसे ही कोई NSE, BOAT या Tata Capital जैसे नामों का ज़िक्र करता है, लोग तुरंत सोचते हैं — “IPO से पहले खरीद लेंगे, बाद में दोगुना मुनाफ़ा होगा।” लेकिन सच्चाई यह है कि हर Unlisted Share निवेश के काबिल नहीं होता।

कई बार ये शेयर दिखने में सस्ते लगते हैं, लेकिन उनके पीछे की सच्चाई, वैधता और कंपनी की स्थिति क्या है — यह निवेशक जांचते ही नहीं। यही जल्दबाज़ी कई लोगों को गलत कंपनियों, फर्जी प्लेटफॉर्म्स या बिना वैल्यू वाली डील्स में फंसा देती है।

इस ब्लॉग में हम बात करेंगे उन ज़रूरी जांच-पड़ताल Unlisted Shares Checklist की, जिन्हें किए बिना पैसा लगाना किसी जुए से कम नहीं है। आप कोई एक्सपर्ट नहीं भी हैं, तब भी आप ये जांच आसानी से कर सकते हैं — बस थोड़ी सतर्कता और सही दिशा की ज़रूरत है।

गर आप जानना चाहते हैं कि Unlisted Share की खरीदारी की पूरी प्रक्रिया क्या होती है, तो पहले यह ब्लॉग ज़रूर पढ़ें: IPO का इंतज़ार क्यों? जानिए Unlisted Shares कैसे खरीदें

कंपनी की जांच कैसे करें?

Unlisted Share खरीदने से पहले सबसे पहली और अहम बात है — जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं, क्या वह असली है? और क्या उसमें भविष्य की ग्रोथ का दम है?

कंपनी रजिस्टर्ड है या नहीं?

कई बार निवेशक सिर्फ नाम सुनकर पैसे लगा देते हैं — “भाई, ये तो NSE है, इसमें क्या जांचना?”
लेकिन सही निवेशक हर बार MCA की वेबसाइट ( www.mca.gov.in ) पर जाकर कंपनी की रजिस्ट्रेशन डिटेल्स जरूर देखता है। यहां CIN (Corporate Identification Number), रजिस्ट्रेशन की तारीख, एक्टिव स्टेटस और डायरेक्टर्स की लिस्ट मिलती है।

अगर कंपनी “Dormant” दिख रही है, या कई साल से कोई ROC फाइलिंग नहीं की है — तो सावधान हो जाएं। यह बड़ा लाल झंडा है।

कंपनी का वित्तीय स्वास्थ्य क्या कहता है?

हर चमकती हुई कंपनी प्रॉफिट नहीं कमा रही होती। Unlisted कंपनियों की बैलेंस शीट और प्रॉफिट-लॉस स्टेटमेंट देखना बहुत ज़रूरी होता है।

अगर कंपनी पिछले 3 साल से लगातार घाटे में चल रही है, तो सस्ता शेयर मिलने का मतलब ये भी हो सकता है कि उसका बाजार में कोई मूल्य नहीं बन रहा।
उदाहरण के लिए, NSE जैसी कंपनियां लगातार मुनाफ़ा कमा रही हैं, इसलिए उनमें निवेश को लेकर भरोसा ज़्यादा है। वहीं अगर कोई स्टार्टअप बिना रेवेन्यू के शेयर बेच रहा है — तो उससे दूरी रखना ही बेहतर है।

क्या कंपनी IPO लाने की दिशा में काम कर रही है?

बहुत बार निवेशक “IPO जल्द आएगा” जैसी बातों पर भरोसा करके Unlisted Share खरीद लेते हैं। लेकिन असली सवाल ये है — क्या कंपनी ने DRHP (Draft Red Herring Prospectus) फाइल किया है?
क्या उनकी वेबसाइट या मीडिया स्टेटमेंट्स में IPO के संकेत मिल रहे हैं?

अगर नहीं, तो हो सकता है कि IPO सिर्फ एक अफवाह हो, और निवेश करने के बाद आप फंस जाएं।

ब्रोकर या प्लेटफॉर्म की वैधता कैसे जांचें?

Unlisted Share सीधा शेयर बाजार से नहीं खरीदे जा सकते। आपको इन्हें खरीदने के लिए किसी ब्रोकर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मदद लेनी होती है। लेकिन यहीं सबसे ज़्यादा धोखाधड़ी की संभावना होती है।

SEBI से रजिस्टर्ड है या नहीं?

कई ऐसे लोग खुद को “Consultant” या “Pre-IPO Expert” बताकर WhatsApp या Telegram पर संपर्क करते हैं। लेकिन क्या वे सच में अधिकृत हैं?

इसका सबसे सरल तरीका है — SEBI की वेबसाइट ( www.sebi.gov.in ) पर जाकर उस ब्रोकर या प्लेटफॉर्म का नाम इंटरमीडियरी लिस्ट में खोजना।

अगर नाम नहीं है, या किसी दूसरी फर्म के नाम से काम कर रहा है — तो वह ब्रोकर भरोसेमंद नहीं है।

unlisted shares scam vs authentic broker

ऑनलाइन मौजूदगी है या नहीं?

आज के समय में कोई भी वैध फर्म LinkedIn, Google Business, या कम से कम अपनी वेबसाइट पर सक्रिय रहती है।

अगर किसी प्लेटफॉर्म के नाम से आपको WhatsApp पर डील ऑफर मिल रही है, लेकिन उस नाम का कोई डिजिटल रिकॉर्ड नहीं मिल रहा — तो तुरंत अलर्ट हो जाइए।
इसके अलावा, आप उनकी टीम के प्रोफेशनल्स की प्रोफाइल LinkedIn पर देख सकते हैं। अगर प्रोफाइल नई बनी हो, या फर्जी लग रही हो, तो बात वहीं खत्म कर दें।

पुराने निवेशकों का क्या अनुभव रहा है?

Quora, Reddit, और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म पर सर्च करें — क्या उस ब्रोकर के साथ लोगों ने पहले निवेश किया है?
अगर हां, तो फीडबैक कैसा है? किसी ने शेयर नहीं मिले की शिकायत की है? डिले हुआ है? अगर ऐसे संकेत मिलते हैं तो वह आपके लिए चेतावनी है।

सही ब्रोकर की पहचान करना उतना ही ज़रूरी है जितना कंपनी की जांच करना — क्योंकि पैसा आप उन्हें भेजने वाले हैं।

Unlisted Share की कीमत सही है या नहीं?

बहुत बार निवेशक केवल इस आधार पर शेयर खरीद लेते हैं कि कोई कह रहा है — “₹200 में मिल रहा है, जबकि ये कंपनी ₹1000 की होगी!”
लेकिन क्या वो ₹200 भी सही प्राइस है? आइए, इसे समझते हैं।

शेयर की वैल्यू किसने तय की?

कई बार ब्रोकर खुद किसी शेयर का प्राइस तय कर देता है — बिना किसी वैल्यूएशन रिपोर्ट के। वह कहेगा, “मार्केट में डील इसी प्राइस पर चल रही है।”

आपको पूछना चाहिए — पिछली डील्स किस प्राइस पर हुई थीं? क्या कोई वित्तीय रिपोर्ट है जिस पर यह प्राइस आधारित है?

अगर जवाब गोलमोल मिले, तो सावधान हो जाइए।

फाइनेंशियल पैरामीटर देखें

क्या उस कंपनी का PE Ratio समझ में आता है? क्या कंपनी प्रॉफिट कमा रही है या घाटे में है?

उदाहरण के लिए, अगर किसी कंपनी का सालाना मुनाफ़ा ₹50 करोड़ है, और वह ₹5000 करोड़ की वैल्यूएशन पर शेयर बेच रही है — तो आपको सोचना होगा, क्या ये ज़्यादा तो नहीं?

 “Discount पर मिल रहा है” — क्या वाकई?

कई ब्रोकर यह कहकर फंसा लेते हैं — “अभी ₹600 में दे रहे हैं, अगले महीने ₹800 हो जाएगा।”
लेकिन सवाल ये है — क्या कोई रिपोर्ट है जो ये बताती है कि कीमत बढ़ने वाली है? या सिर्फ FOMO (Fear of Missing Out) बना रहे हैं?

जब भी कोई शेयर सस्ता लगे, तो पूछिए — “क्यों सस्ता है?”
और अगर जवाब में सिर्फ “limited time offer” मिले, तो समझिए कि कुछ गड़बड़ है।

स्कैम से कैसे बचें?

Unlisted Share के नाम पर आजकल स्कैमर्स बहुत एक्टिव हैं — खासकर सोशल मीडिया, WhatsApp ग्रुप्स और Telegram चैनलों पर। आपको कोई ₹800 में NSE का शेयर दे रहा हो, और कह रहा हो कि “IPO आते ही ₹1500 हो जाएगा”, तो सबसे पहले आपको सतर्क हो जाना चाहिए।

स्कैम की पहचान कैसे करें?

  1. WhatsApp पर अजनबी से ऑफर आना:
    कोई भी वैध निवेश अवसर आपको WhatsApp मैसेज से नहीं मिलता। यह पहला लाल झंडा है। 
  2. पर्सनल अकाउंट में पेमेंट की मांग:
    अगर कोई कहता है कि NEFT/IMPS इस अकाउंट में करो — और वह अकाउंट किसी व्यक्ति के नाम पर है — तो यह सीधा धोखाधड़ी है। 
  3. इनवॉइस और एग्रीमेंट नहीं देना:
    वैध प्लेटफॉर्म आपको निवेश से पहले Proper डील डॉक्युमेंट, इनवॉइस और KYC लिंक देगा। अगर कोई सिर्फ कॉल या मैसेज पर बात करके फाइनल कर रहा है, तो वह स्कैम हो सकता है। 
  4. गारंटीड रिटर्न का दावा:
    “100% पैसा डबल होगा”, “IPO से पहले लेना ही लेना है”, जैसे जुमले सुनते ही पीछे हट जाइए। कोई भी सही ब्रोकर ऐसा दावा नहीं करता। 
  5. LinkedIn या गूगल पर उनकी कोई डिजिटल मौजूदगी नहीं:
    अगर उस कंपनी या ब्रोकरेज का कोई LinkedIn पेज नहीं, वेबसाइट नहीं, Google Business प्रोफाइल नहीं — तो वे प्रोफेशनल नहीं हैं।

unlisted shares checklist due diligence complete

Unlisted Shares Checklist पूरी? अब फैसला आपका है

Unlisted Share का निवेश आपको आम निवेशक से एक कदम आगे ले जा सकता है — लेकिन उसी शर्त पर जब आपने हर कदम सोच-समझकर उठाया हो।

अगर आपने इस ब्लॉग की सारी चेकलिस्ट —
✅ कंपनी की रजिस्ट्री और फाइनेंशियल्स
✅ ब्रोकर की वैधता और पिछले रिकॉर्ड
✅ शेयर की वैल्यूएशन की प्रामाणिकता
✅ स्कैम से बचने की स्पष्ट समझ

…इन सभी बातों को ध्यान में रखा है, तभी यह निवेश आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

बहुत से लोग सिर्फ इस सोच से निवेश कर लेते हैं कि “IPO आएगा तो पैसे डबल हो जाएंगे” — लेकिन यही सबसे बड़ा धोखा है। IPO आएगा या नहीं, शेयर बिकेंगे या नहीं — यह भविष्य की बात है।
लेकिन आपकी आज की जांच — वो आपके निवेश को सुरक्षित बना सकती है।

अगले ब्लॉग में हम जानेंगे:
Unlisted Share बेचना कैसे होता है? सही Exit Strategy और Liquidity Planning

सीरीज़ को पूरा पढ़ें, ताकि आप हर स्टेज पर समझदारी से फैसले ले सकें।

 

Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से है। Unlisted Share में निवेश करने से पहले स्वयं रिसर्च करें या किसी विशेषज्ञ की सलाह लें। लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार की वित्तीय हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

About Author:

Ishwar एक फाइनेंस ब्लॉगर हैं और PaisaForever के निर्माता हैं। वह भारतीय पाठकों के लिए निवेश, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, क्रिप्टो और वित्तीय योजना जैसे विभिन्न विषयों पर लिखते हैं।
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Ishwar Bulbule

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